मृगतृष्णा
Saturday, September 25, 2010
-उदास लम्हे-
एक
दौर
गुज़र
गया
,
ना
कुछ
कहा
ना
सुना
,
बस
समेट
ले
गया
सारे
पल
..
जाते
जाते
गिरा
दिए
कुछ
,
दबे
कुचले
और
मैले
उदास
लम्हे
,
जिन्हें
लेकर
जीना
है
अब
समय
का
एक
नया
दौर
...
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