Saturday, September 3, 2011

मदहोश हवा



ये हवा आज खुशनुमां
कुछ मदहोश
बहकी हुई सी,
कुछ अनजाने, कुछ पहचाने
रास्तों से निकलकर
छज्जे पर मेरे-
सांस ले रही है...
उसकी धडकनें
बयां करतीं हैं,
कि आज तुम्हें छूकर गुज़री है... 


4 comments:

  1. वाह्………क्या खूबसूरत ख्याल है।

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  2. बहुत खूब !..लाज़वाब भावपूर्ण अभिव्यक्ति..

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  3. बहुत खुबसूरत एहसास....

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