Monday, March 17, 2008
















हर बंधन से दूर , अनजान शहर में

रूह की गहराई से , मेरे जीवन में
आता है कोई , जाता है कोई
देखता हू सब कुछ,
एक ख्वाब की तरह ...

हवाओ के झोको में, 
अजीब सी ठंडक है..
रातो के उजाले में भी 
एक दीवानापन है..
समंदर की लहरे
जैसे लीपटी हो बर्फ की चादर में,
जीवन की कसक को , 
फूलों की महक को
महसूस करता हू,
एक ख्वाब की तरह ...

6 comments:

  1. सुंदर एहसास...............

    अनु

    ReplyDelete
  2. रूह की गहराई से , मेरे जीवन में
    आता है कोई , जाता है कोई

    इतनी शिद्दत से जीवन जिया जाये तो आनंद ही आनंद है ...
    हर तरफ प्रभु की चेतना है ....!!
    बहुत सुंदर शुरुआत ...
    बधाई एवम शुभकामनायें

    ReplyDelete
  3. बहुत खूब सर!


    सादर

    ReplyDelete