Saturday, September 22, 2012

कुछ अश्क ढूंढें हैं

"गुनाहों की कब्र  को खोदकर
कुछ अश्क ढूंढें हैं,
मैले हुए ख़यालों को
दाग लगे कुछ
रूह के टुकड़ों को,
धोना है उनसे आज..."

Monday, May 21, 2012

काली गठरी रात की


वो गुज़री शाम का दामन
पकड़कर रात आयी है,
उजाले के टुकड़े
बचे हुए कुछ  
पड़े थे ज़मीन पर,
समेटने उन्हें
ये काली गठरी लिए आयी है..
गुजारिश  है तुझसे 
ऐ शब् !!
ज़रा झलका दे ये गठरी 
गिरा दे एक  टुकड़ा 
उजाले का मेरे दिल में,
अरसे से वहां 
अँधेरे बहुत हैं...


Thursday, April 12, 2012

फसल हसरतों की


ख़यालों ने ज़हन में
एक ज़मीं सी बनाई है,
हसरतों के बीज 
जो गिराए मैंने-
अहसासों ने बड़े अदद से
सींचा है उन्हें..
जिस्म ने,
लहू के कतरे कतरे से
खींचकर साँसें कुछ-
उग रहे नन्हे पौधों को 
बड़ी शिद्दत से पिलाई हैं..
अब फसल पकने का इंतज़ार है,
ये हसरतें भी-
लहलहायेंगीं,
रंग लायेंगीं कभी..

Friday, April 6, 2012

लम्हे, तेरे इंतज़ार के



इंतज़ार में तेरे
लम्हे जो गुज़ारे,
अहमियत उनकी
आज महसूस की है..
इन्ही लम्हों में
तलाश किया मैंने 
तेरे साथ ख़ुद को..
क़ायनात की खूबसूरती में 
तेरे अक्श को देखा
तो कुदरत को
तेरे दामन की दासी पाया..
फिर तमन्ना है जीने की
उन्ही लम्हों को,
शायद
इसी बहाने 
ये उम्र गुज़र जाए..

Thursday, March 29, 2012

रूहें कुछ सपनों की



खुरच के देखो
गुज़रे वक़्त को,
कुछ लाशें मिलेंगी ख़्वाबों की,
रूहें इनकी-
कुछ सवाल करती हैं,
जिनका कोई जवाब नहीं
बस
एक मायूस दिल है..
ये रूहें गुज़रे ख़्वाबों की-
सताती रहेंगी,
जब तलक
मेरी रूह भी
इनमें मिल नहीं जाती..

Sunday, March 25, 2012

कुछ ख़याल जो छूट गए..

!! कभी दिल में तमन्ना हो
   तो आ जाना मेरे दुश्मन,
   किसी बेगाने मंज़र में
   गिले शिक़वे भुला लेंगे !!

*****

!! मेरा मौला वहीँ रहता
   जहाँ दिल साफ़ बसते हैं,
   वो इंसानी फ़रिश्ते जो 
   ज़ुबां से साज़ लिखते हैं !!

*****

!! वो हर पल बात करते हैं
    मेरे दिल को जलाने की,
    ना उनको इल्म है इतना
    ये दिल आंसू बहाता है !!

*****

Sunday, February 5, 2012

टूटती डोर..जुड़ती डोर


सुतली जो बांधी थी तूने
किवाड़ की सांकल पे
वो टूट गयी कल..
जो पेड़ लगाया था
पखवाड़े में हमने
अमरबेल ने सुखा दिया..
हर याद पे तेरी,
बिजली गिरी है..
अब तो बस 
दिल मे तेरी तस्वीर मुक़म्मल है,
लगता है
वहां भी क़यामत होगी..
अब जल्दी ही मिलूंगा तुमसे सनम!!

Thursday, January 19, 2012

दौर शब्-ओ-सहर का चलता रहेगा !!


रुकने से तेरे
ये वक़्त न थमेगा,
दौर ये शब्-ओ- सहर का
चलता रहेगा..

गर इरादों में हो
जुनूँ की हुकूमत,
हर लम्हे में हो
कोशिशों की हकीकत,
सिलसिला मुक़ामों का बनता रहेगा,
दौर ये शब्-ओ-सहर का
चलता रहेगा...